आज के समय में आईएएस और आईपीएस बनना किसी सपने से कम नहीं है। देश में लाखो लोग यूपीएससी की परीक्षा कों देते है। जिसमें से गिने चुने ही लोगों का इस कठिन परीक्षा में सफलता मिलती है।
जिसके बाद उनकी देश में एक अलग ही पहचान होती है। इसलिए आज के अपने इस आर्टिकल में हम बात करेंगे एक ऐसे आईएएस ऑफिसर की जों हिंदी मेडियम में पढ़कर बनी आईएएस ऑफिसर। अमेरिका से लौटकर बनी मैनपुरी की पहली महिला SDM। जानते है इनके बारे में विस्तार से
इंग्लिश को सुधारने के लिये SDM अपूर्वा यादव पढ़ती थी इंग्लिश किताबें और देखती थी इंग्लिश प्रोग्राम
आज हम बात करेंगे एक ऐसे आईएएस ऑफिसर की जिन्होंने हिंदी में पढ़कर सफलता हासिल की और आज वो मैनपुरी की पहली महिला SDM है। उत्तर प्रदेश की रहने वाली अपूर्वा यादव ने अपनी पढ़ाई हिंदी से की।अपूर्वा यादव की इंग्लिश शुरू से ही अच्छी नहीं थी।
लेकिन इसके बावजूद भी आज वो उत्तर प्रदेश के मैनपूरी की पहली महिला SDM है। अपूर्वा यादव ने अपनी इंग्लिश को अच्छी करने के लिये इंग्लिश प्रोग्राम देखना शुरू कर दिया था। ताकी उनकी इंग्लिश अच्छी हो सके साथ ही इंग्लिश किताबों का सहारा भी लेने लगी।
ताकी उनकी इंग्लिश अच्छी हो सके। अपूर्वा यादव ने इंजीनियरिंग की हुई थी। इसके बदौलत उन्हें टीसीएस कंपनी में जॉब भी मिली और वह जॉब के लिये अमेरिका भी गयी। लेकिन उनका मन वहां भी नौकरी में नहीं लगा। उनका सपना था की वो अपने देश आकर देश की सेवा करें और अपने घर आकर उन्होंने यूपीएससी की तैयारीयाँ शुरू कर दी।
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अपूर्वा यादव 3 बार असफलता मिलने के बाद चौथे प्रयास में बनी आईएएस ऑफिसर
यूपीएससी की तैयारीयाँ करते समय अपूर्वा यादव का सफर मुश्किलों भरा रहा था। लेकिन उन्होंने इस सब को दर किनारे किया और यूपीएससी की तैयारीयों में जी जान से लग गयी। आपकी जानकारी के लिये हम आपको बता दे की SDM अपूर्वा यादव ने यूपीएससी की परीक्षा में दूसरे और तीसरे प्रयास में भी सफलता हासिल नहीं कर पायी।
लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी पढ़ाई जारी रखी और आखिरकार साल 2016 में ऑल ओवर इंडिया में 13वां रैंक हासिल किया। आज के समय में अपूर्वा यादव उत्तर प्रदेश के मैनपूरी जिले की पहली SDM के पद पर तैनात है।