जैसा की आप सब जानते ही है की गुजरात मे बना ऐतिहासिक मोरबी ब्रिज कल श्याम 30 अक्टूबर 2022 को अचानक से टूट के पानी मे गिर गया जिससे 130 से अधिक लोगों की इस दुर्घटना मे मौत हो गयी और 70 से अधिक लो घायल हो गए है जिन्हे हॉस्पिटल मे एडमिट करवाया गया है। आज के अपने इस आर्टिकल मे हम इसी से संबधित जानकारी आपके साथ साझा करेंगे।
हजारो साल पहले बनकर तैयार हुआ था गुजरात का मोरबी ब्रिज
आपकी जानकारी के लिये हम आपको बता दे की गुजरात मे बना ऐतिहासिक मोरबी ब्रिज लगभग 140 साल पुराना था। साल 1880 को मुंबई के तत्कालीन गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने इसका शिलान्यास किया था जिसे उस समय के दौरान 3 लाख 50 हजार रूपए के खर्च से बनवाया गया था। इस ऐतिहासिक ब्रिज की लंबाई की बात करें तो इस ब्रिज की लंबई लगभग 200 मीटर से ज्यादा थी और चौड़ाई करीब 4 तक फीट थी। इस ब्रिज को झूलता हु पूल भी कहा जाता है।
5 दिन पहले ही मरम्मत के बाद खोला गया था मोरबी ब्रिज
आपको हम बता दे की गुजरात मे बना ऐतिहासिक मोरबी ब्रिज लगभग 7 महीने से बंद था क्यूंकि इस ब्रिज की मरम्मत करवाई गयी थी जिसमें लगभग 2 करोड़ का खर्चा आया था और 5 दिन पहले ही इस ब्रिज को पर्यटकों के लिये खोला गया था। लेकिन 30 अक्टूबर 2022 रविवार के दिन इसमें 300 से अधिक पर्यटक इसके ऊपर चढ़ रखे थे और अचानक से यह पुल टूट गया। जिसके कारण इसमें चढ़े 300 से अधिक लोगों मे से 130 से अधिक लोगों की मौत हो गयी जबकि 70 से अधिक लोगों को हॉस्पिटल मे तुरंत अस्पताल मे एडमिट करवाया गया है।
किसने बनाया था गुजरात का मोरबी ब्रिज
गुजरात के इस ऐतिहासिक ब्रिज को महाराजा वाघजी ठाकोर ने 1887 में इस ब्रिज का निर्माण कराया था। एक रपोर्ट के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि महाराजा महल से राज दरबार जाने के लिए इस पुल का इस्तेमाल करते थे। इसलिए इस पूल का निर्माण करवाया गया था।