IAS Success Story: बिना कोचिंग लिये किसान की बेटी बनी आईएएस ऑफिसर, जानिए सफलता का मूल मंत्र
जैसा की आप सब जानते ही है की आज के समय सबसे कठिन और सबसे उच्च पोस्ट यूपीएससी की होती है। जिसे हर साल लाखो की संख्या में कैंडिडेट्स देते है और आईएएस बनने का सपना देखते है। लेकिन हर साल इन लाखो कैंडिडेट्स में से कुछ ही इस परीक्षा में पास होकर एक सफल आईएएस ऑफिसर बनते है। लेकिन आज के अपने इस आर्टिकल मर हम बात करेंगे मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर की तपस्या परिहार की जो एक किसान की बेटी है। जिन्होंने बिना कोचिंग लिये यूपीएससी की तैयारी की और एक सफल आईएएस ऑफिसर बनी।
साल 2017 में बिना कोचिंग किये मध्यप्रदेश की तपस्या परिहार बनी आईएएस ऑफिसर
कहते है अगर मन में विश्वास हो और कुछ पाने के लिये जज्बात हो तो इंसान वो सब कुछ हासिल कर सकता है। जो उसे चाहिए। ऐसी ही एक सच्ची कहानी है मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर की रहने वाली तपस्या परिहार की। जो एक किसान की बेटी है। जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन के बदौलत साल 2017 में ऑल इंडिया रैंक 23 हासिल करके यूपीएससी की परीक्षा पास की है और आईएएस ऑफिसर बनी है। तपस्या परिहार मध्य प्रदेश की रहने वाली है |
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और उनके पिता के किसान है। तपस्या ने अपनी पढ़ाई एक सरकारी स्कूल से की है और इसके बाद उन्होंने पुणे के इंडियन लॉ सोसायटी के लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की। पढ़ाई पूरी होने के बाद तपस्या परिहार सिविल सेर्विस की तैयारी में लग गयी। जिसके लिये उन्होंने कोचिंग ली। लेकिन तपस्या अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में असफल रही।
ऑल ओवर इंडिया में 23वें रैंक लाकर बनी आईएएस ऑफिसर
पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में असफल रहने के बाद भी तपस्या परिहार नर हार नहीं मानी और फिर से बिना कोचिंग लिये घर पर ही रहकर सिविल सेर्विस की तैयारी में लग गयी और आखिरकार साल 2017 में दूसरी बार यूपीएससी की परीक्षा में सफल रही और इस बार उन्हें आईएएस ऑफिसर बन गयी। इस बार तपस्या ने ऑल ओवर इंडिया में 23वें रैंक लाकर आईएएस ऑफिसर बनी। आपको हम बता दें की मध्यप्रदेश की रहने वाली तपस्या परिहार के पिता विश्वास परिहार मूल रूप से एक किसान हैं और तपस्या के चाचा विनायक परिहार एक सामाजिक कार्यकर्ता है।