आज के समय अगर देश मे सबसे बड़ा पद है तो वो है आईएएस और आईपीएस। जिसके लिये लाखो छात्र हर साल इस परीक्षा के लिये आवेदन करते है। लेकिन उनमें से कुछ ही छात्र इस परीक्षा मे पास करके अपना सपना पूरा करते है और जों छात्र इस परीक्षा मे रह जाते है वो फिर अगले साल होने वाली इस परीक्षा की तैयारियाँ करते है। इसलिए आज के अपने इस आर्टिकल मे हम आपको एक ऐसे आईपीएस ऑफिसर के बारे मे बताएंगे जिन्होंने कठिन परीस्थितियों के बावजूद भी अपनी मेहनत और लगन से क्रैक की यूपीएससी की परीक्षा। जानते है इस आईपीएस ऑफिसर के बारे मे
खराब परीस्थितियों के बावजूद भी बने आईपीएस ऑफिसर
आज हम आपको एक ऐसे आईपीएस ऑफिसर के बारे मे बताएंगे जिन्होंने गरीबी मे रहकर आईपीएस ऑफिसर बनकर दिखाया। बिहार राज्य के जमुई गाँव के सिकंदरा क्षेत्र के रहने वाले एसपी कुमार आशीष ने आईपीएस बनने के बारें में एक इंटरव्यू मे बताया की उन्होंने अपने पिता का सपना पूरा किया हालंकि अब उनकी माता जी इस दुनिया मे नहीं है। लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और आज वो एक सफल आईपीएस ऑफिसर है।
एसपी कुमार आशीष अपनी बात जारी रखते हुए बताते है की जब वो 9वीं कक्षा मे थे तब उन्होंने मुंगेर के संग्रामपुर स्थित सरकारी स्कूल से पूरी की। ख़राब रास्ता होने के बावजूद भी वो पैदल चलकर कई किलोमीटर तक का सफर पूरा करके स्कूल जाते थे और आते थे।
आईएएस बनना चाहते थे लेकिन आईपीएस बने
एसपी कुमार आशीष ने अपनी बात जारी रखते हुए बताया की आगे की पढ़ाई के लिये वो दिल्ली आ गए और दिल्ली आकर उन्होंने साल 2001 में जेएनयू के एंट्रेंस एग्जाम में आल इंडिया टॉप किया। लेकिन खर्चे काफी थे तो उन्होंने ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया। इसके साथ ही 4 साल तक उन्होंने आल इंडिया रेडियो में काम किया। इसके साथ ही उन्होंने फ्रेंचभाषा में बी.ए, एम.ए, एम.फिल व पीएचडी की पढाई पूरी की और साल 2006 मे फॅमिली के सपोर्ट से वह नौकरी के लिये फ्रांस चले गए।
लेकिन वहां उन्हें अपने देश की कमी खेलने लगी और उन्होंने सोचा की वहां भारत आकर अपने देश मे ही रहकर ऐसा काम करेगा जिससे उनका नाम होगा और उन्होंने आईएएस बनने का सोचा। वह अपने देश आये सिविल सेवा की तैयारी शुरू की। आईएएस बनना चाहते थे लेकिन आईपीएस बन गए।