यह सभी को ज्ञात है की पिछले एक साल से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई भी बदलाव नहीं आ रहा है यह लगभग एक ही कीमत पर बना हुआ है, चुनाव के दौरान क्रूड आयल की कीमत में यदि तेज़ी आती है और ईंधन की कीमतों पर कमी होती है तो Oil Companies को बहुत बड़ा घाटा झेलना पड सकता है ब्रैंट क्रूड की कीमत यदि 85 डॉलर से ज्यादा होती है और पेट्रोल 4-5 रूपए लीटर सस्ता होता है तो Oil Companies की कमाई पर बहुत बड़ा खतरा पैदा हो जायेगा, लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रैंट क्रूड आयल की कीमत 80 डॉलर से कम होने की उम्मीद है, अगर ऐसा ही हुआ तो सब ठीक होगा लेकिन यह कीमत यदि 85 डॉलर से ज्यादा हुई तो कंपनी बहुत बड़े घाटे का शिकार हो सकती है |
Petrol-Diesel Price
अगर आप भी पेट्रोल डीज़ल की कीमतों से बहुत ज्यादा परेशान है तो यह खबर आपको बहुत बड़ी खुशखबरी दे सकती है, पिछले एक साल से भी ज्यादा हो चुका है, लेकिन पेट्रोल और डीजल के दाम ज्यों के त्यों ही बने हुए है, लेकिन Oil Marketing Companies (OMC) पेट्रोल और डीजल के कीमतों में कमी करने वाले है, सूत्रों के मुताबिक यह भी स्पष्ट है की इस साल नवंबर और दिसंबर कुछ राज्यों में होने वाले चुनाव को देखते हुए Oil Mils Companies ने अगस्त से पेट्रोल डीजल की कीमत में 4-5 रूपए प्रति लीटर की कमी करने की कोशिश कर सकती है |
80 डॉलर से नीचे ही रहेगी कीमत
जेएम फाइनेंसियल Institutional Securities ने एक रिसर्च के दौरान यह कहा की तेल Companies के आकड़े स्पष्ट प्रतीत हो रहे है, लेकिन ईंधन विपणन व्यवासय में कमाई पर महत्वपूर्ण अनिश्चिता बानी हुई है, ओपेक प्लस की मजबूत निर्धारण शक्ति आने वाले 9 -12 महीने के दौरान कच्चे तेल की कीमतों को बढ़ा सकता है, Oil Companies की रिपोर्ट के मुताबिक यह जताई जा रही है की क्रूड Oil की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे बनी रहेगी, हालाँकि यह सरकार के वित्त वर्ष 2023 की अंडर Recovery की भरपाई पर ही निर्भर करेगी |
क्रूड Companies के उछाल से व्यवसाय में होने वाले मुनाफे को खतरा
सूत्रों की माने तो रिपोर्ट के मुताबिक Oil Marketing Companies के आंकड़े स्पष्ट है, लेकिन चुनाव के दौरान क्रूड Oil की कीमत में तेज़ उछाल के कारण व्यवसय में होने वाले मुनाफे को खतरा हो सकता है, ब्रैंट क्रूड की कीमत 85 डॉलर से ज्यादा होती है और ईंधन की कीमत में कमी होती है तो तेल Company की कमाई पर संकट पैदा हो सकता है सूत्रों के मुताबिक एक्सपर्ट्स का कहना है की कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी का जोखिम मौजूद है, ओपेक प्लस अपनी मजबूत मूल्य निर्धारण शक्ति के मद्देनज़र ब्रैंट क्रूड की की कीमतों में 75-80 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर अपने समर्थन को जारी रखने का प्रयास करेगा |
नवंबर और दिसंबर में कुछ प्रमुख राज्यों में चुनाव आयोजित होने जा रहे है, इस को देखते हुए Oil Companies को अगस्त से पेट्रोल- डीजल के कीमत में 4-5 रूपए प्रति लीटर में कमी करने को कहा जा सकता है Oil Marketing Companies की बैलेंस शीट काफी हद तक ठीक हो गयी है वित्त वर्ष 2024 में मजबूती के साथ मुनाफा दर्ज करने की पूरी सम्भावना है हालांकि रिपोर्ट द्वारा अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं हुआ है रिपोर्ट की माने तो इसकी मात्रा समयसीमा का कोई भी उल्लेख नहीं किया गया है, यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करेगी की कच्चे तेल की कीमत में कितना उतर चढाव दिखाई देता है और साथ ही इस बात पर भी निर्भर करेगी की डॉलर के मुकाबले इंडियन रूपए की कीमत क्या होगी?
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