आप में से अधिकतर लोग जानते ही होंगे की आज से लगभग 12 साल पहले वर्ष 2012 में लाखो लोगो का पैसा सहारा चिट फंड पर लगा था। जों आजतक का सबसे बड़ा स्कैम कहा जाता है। मासूम लोगों को उनके पैसे डबल करने के लिए सहारा इंडिया ने एक स्कीम चलाई थी और लोगो को बेवकूफ बनाकर उनके पैसे धोखे से हड़प लिए थे। आज के अपने इस आर्टिकल में बात करेंगे सहारा ग्रुप पर सेबी की बड़ी कार्रवाई हुई हैं उसके बारें सुब्रत रॉय के बैंक को जब्त करने के दिये आदेश दिया गया हैं | आइये जानते है इसके बारे में विस्तार से
सुब्रत रॉय समेत 5 अधिकारियों के खिलाफ होगा कार्रवाई
वर्ष 1978 में सहारा की स्थापना सुब्रत रॉय ने की थी। सहारा ने एक अच्छा खासा मुकाम हासिल कर लिया था और एक समय अधिकतर सभी लोगों की जुबान पर सहारा का ही नाम था। लेकिन वर्ष 2012 में सुब्रत रॉय की कंपनी सहारा ने लाखो लोगों को उनके पैसे डबल करने वाली स्कीम चलाई थी और लाखों बेकसूर लोगों को झाँसा देकर उनके पैसों को डबल करने के चक्कर में लोगों ने अपनी जिंदगीभर की पूंजी को सहारा चिट फंड में लगा दिया था। जिसका खामियाजा आज तक उन सभी निवेशकों को भुगतना पड़ रहा है।
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लेकिन अब सहारा इंडिया के मालिक सुब्रत रॉय और उनके साथ 5 और अधिकारियों के खिलाफ सेबी ने कड़ी कार्रवाई करने के शख्त निर्देश जारी किये है। जिनसे 6.42 करोड़ रुपये की वसूली होनी है। क्यूंकि सहारा ने वर्ष 2008-2009 में ओएफसीडी जारी कर निवेशकों से धोखे से पैसे जुटाये थे। जबकि सेबी ने इसके लिये मना किया था। सेबी का कहना है की यह डिबेंचर उसके नियामकीय मानकों का उल्लंघन करते हुए जारी किया गया था।
बैंक को कुर्क करने के दिया गया आदेश
आपकी जानकारी के लिये हम आपको बता दें की हाल ही सेबी ने कहा है की सहारा कंपनी ने वर्ष 2008-2009 में उनके विरुद्ध जाकर उन्हें बताये बिना ओएफसीडी जारी कर दिया था। जिसके तहत सहारा इंडिया के मालिक सुब्रत रॉय और कंपनी के अन्य 5 अधिकारियों के खिलाफ 6.42 करोड़ रूपए की वसूली के लिये उनके बैंक खाते से लेकर डीमैट खाते को कुर्क करने का आदेश दिया है साथ ही इन सभी के अन्य बैंक खातो की भी जांच के आदेश दिये है।