अगर कोई आप से कह दे की कोई सख्श 33 हजार फीट से निचे गिरा हो तो उसका क्या होगा। तो आप मे से ज्यादार लोगों का उत्तर होगा जों सख्श 33 हजार फीट से निचे गिरा होगा उसकी हड्डियां तक भी नहीं बची होंगी। लेकिन आज के अपने इस आर्टिकल मे हम आपको एक ऐसी सच्ची घटना बताएंगे जहाँ एक युवती 33 हजार फीट की ऊंचाई से गिरने के बाद भी बच गयी। तो चलिए जानते है इसके बारे मे विस्तार से
33 हजार फीट की ऊंचाई पर हुआ विमान मे जोरदार धमाका
26 जनवरी 1972 मे एक विमान ने स्वीडन के स्टॉकहोम से सर्बिया के बिलग्रेड के लिए उड़ान भरी थी। इस विमान मे लगभग 28 लोग मौजूद थे और विमान लगभग 33 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। तभी कुछ देर बाद अचानक से लगेज अपार्टमेंट मे एक जोरदार धमाका हुआ।
आपको जानकार हैरानी होंगी की ये धमाका इतनी तेज हुआ था की विमान के 3 टुकड़े हो गए थे और सीधा जमीन पर जा गिरे। जहाँ पर विमान के 3 टुकड़े होकर गिरे थे वहां बर्फ की चादर थी। उसके ऊपर विमार का मलबा गिरा था।
ब्रूनो होंके ने युवती को मलबे से बाहर निकाला
आपको हम बता दे की इस विमान मे एक महिला हॉस्टस्ट थी जिसका नाम वेस्ना वलोविक था। विमान का जों तीसरा हिस्सा गिरकर ज़मीन मे गिरा था वो चेकोस्लोवाकिया के श्रीबस्का कामेनिस था। जहाँ पर विमान का तीसरा हिसा गिरा था। विमान के इस टुकड़े पर आग लगी हुई थी।
तभी ब्रूनो होंके नामक एक व्यक्ति वहां से गुजरा और उसने देखा की विमान के अंदर एक युवती फंसी है जिसका नाम वेस्ना वलोविक था और वो जोर जोत से चिल्ला रही थी और मदद के लिये गुहार लगा रही थी। ब्रूनो होंके ने वेस्ना वलोविक को विमान से बाहर निकाला और उसे हॉस्पिटल मे एडमिट कर दिया। 10 दिन तक वेस्ना वलोविक कोमा मे थी और आखिरकार 10 दिन बाद वेस्ना वलोविक कोमा से बाहर आ गयी। हॉस्पिटल मे एडमिट के दौरान जब वेस्ना वलोविक का मेडिकल टेस्ट हुआ तो वेस्ना वलोविक के दोनों पेरों की हड्डियां टूट चुकी थी और इसके अलावा उनके शरीर मे काफी चोट के निशान थे।